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Thursday, May 26, 2011

ये सरकारी दमाद कब तक देश का ख़ून पीता रहेगा ?

                                        कसाब का हिसाब
                            मौत के सौदागर की इज़ज्त आफ़ज़ाई
                                        देश का गुनाहगार 
                                                   या 
                                          देश का दमाद ?

26/11 को माया नगरी में घुसकर तबाही मचाने वाले मौत के सौदागर आमिर अजमल कसाब की सुरक्षा में अब तक करोड़ो रू0 फ़ूंके जा चुके हैं...मुंबई आर्थर रोड  जेल में  कैद जिन्दा  कुख्यात आतंक आमिर अजमल कसाब की सुरक्षा में खर्च हुए 10 करोड़ रुपये बिल  इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस ने राज्य सरकार को भेजा है...देश के दोषी की सुरक्षा में लगी आईटीबीपी ने महाराष्ट्र सरकार को डेढ़ साल क10 करोड़ रुपये का बिल भेजा है...हालांकि इस बिल को चुकाने से सरकार ने इनकार कर दिया है...राज्य सरकार का कहना है कि कसाब पूरे देश का सिरदर्द है, अकेले मुंबई का नहीं...
लेकिन आईटीबीपी ने बिल को रद्द किए जाने  के फैसले को मानने से इनकार कर दिया  है...बिल 28 मार्च 2009 से लेकर 30 सितंबर 2010 तक का  है...करीब 2 साल से  आईटीबीपी के 150 कमांडोज़ लाइट मशीन गन्स और ग्रेनेड लॉन्चर्स से लैस होकर आर्थर रोड जेल में बंद कसाब की सुरक्षा में तैनात हैं...

 
ख़ैर मुंबई में मौत बांटने वाले देश के सबसे बड़े दुश्मन की हिफ़ाज़त शाही अंदाज़ में की जा रही है...आख़िर ये सरकारी दमाद कब तक देश का ख़ून पीता रहेगा...कब तक इसकी खिदमत में देश के जवान पसीना बहाते रहेंगे...और आखिर कब तक सुरक्षा एजेंसियों और सरकार में खींचतान चलती रहेगी....ये एक बड़ा सवाल है...

Thursday, May 12, 2011

भट्टा परसौल लाईव !!!


ग़रीबों का गुमनाम गांव...जहां झुंड में है नत्था...बात का बना बड़ा बतंगड़...गांव बना सियासी दंगल...ये है भट्टा परसौल लाईव!!!

ये कहना गलत नहीं होगा कि...देस मेंरा रंग रेज़ है बाबू...घाट-घाट यहां घटता जादू...हम पीपली लाईव के नत्था के गांव की बात नहीं कर रहे है...बल्कि रियल लाईफ के कई नत्था जैसों के गांव भट्टा परसौल की बात कर रहे हैं...कल तक जिस सूबे के मामूली गांव पर गुमनामी की ग़ुबार थी...जहां ग़रीबों की सुध लेने वाला कोई नहीं था...आज अचानक उसी गांव में नेताओं का जमावड़ा लगा है...7 मई को मचे महासंग्राम के बाद ये गांव सुर्खियों में आ गया...और अब वही गांव सियासत का अखाड़ बन गया है...तभी तो मैने कहा...ये है भट्टा परसौल लाईव !!!
"राई पहाड़ है कंकर-शकंर...बात है छोटी बड़ा बतंगड़...
इंडिया सर ये चीज़ धुरंधर..रंग रंगीला प्रजातन्तर"
बहरहाल ये ड्रामेबाज़ी तो चलती रहेगी...लेकिन हम अपको बाताते है...इस गांव के गरीब किसानों के कुछ मसीहाओं के बारे में...
ये है मसीहा न0 1 बीजेपी नेता राजनाथ सिंह... जिन्होंने ने पुलिस की ज़्यात्ती और भूमि अधिग्रहण से मिले किसानों के जख्म पर सियसी मलहम लगाने की कोशिश की... जिसके एवज़ में इन्हें हवालात की हवा भी खानी पड़ी... और अब जनाब राजनीति चमकाने के लिए अनशन पर बैठे है... ख़ैर प्यार और जंग में सब जाएज़ है...लेकिन यहां तो दोनों ही चीज़ है... मुख्यमंत्री की कुर्सी से प्यार... और वोट बैक के लिए जंग...
ये हैं गांव के मसीहा न0-2 सपा नेता शिवपाल सिंह यादव इनके साथ भी कुछ ऐसा ही वाक़्या हुआ...
ख़ैर अब बारी थी कांग्रेस के एंगी यंग मैंन राहुल बाबा की...
जिन्होंने सारे क़ायेदे क़ानून ताक पर रखकर गांव में बाईक से एंट्री मारी...और 19 घंटों तक धरने पर बैठे रहे...इस बीच बहती गंगा में हाथ धोने पहुंचे सीडी सूरमा श्रीमान अमर सिंह भी राहुल की रहा चले...
 राहुल के नक्शे कदम पर चलते हुए...अमर सिंह ने भी गांव में बाइक से एंट्री मारी...
राहुल का ड्राम चलता रहा...उसके बाद राहुल और उनके खेमें को धारा 144 के उलंघन में आधी रात को भारी हंगामें के बीच गिरफ्तार कर लिया गया...हालांकि बाद में वो रिहा भी हो गये...लेकिन यहीं से यूपी की सियासत में उफ़ान उमड़ने लगा...और कांग्रेस ने भट्टा परसौल के शोलों की आंच में सियासत की रोटी सेकने कि लिए प्रदेश में चक्का जाम कर दिया...
विपक्षियों का निशाना बनी माया सरकार प्रदेश में मचे बवाल के बाद नींद से जागी और पर्दें के सामने आई...हमेशा की तरह तानाशाही माया ये कहकर साफ-साफ मुकर गई की किसानों को उनका पूरा मुआवज़ सरकार दे चुकी है...बौखलाई माया ने यहां तक कह डाला की राहुल ओछी सियासत कर रहे है...और विपक्षियों के पास उत्तर प्रदेश में दूसरा मुद्दा नहीं बचा है इसलिए किसानों की भूमि अधिग्रहण को जबरन मुद्दा बनाया जा रहा है...यानी उल्टा चोर कोतवाल को डांटे...ख़ैर फिल्म की तर्ज़ पर हो रहे इस पूरे ड्रामें में नेताओं का सिर्फ एक ही मक़सद है...मिशन 2012 के आगामी चुनाव...जिसके लिए सूबे के सिहांसन का रास्ता बन कर उभरा है भट्टा परसौल गांव...तभी तो देस मेंरा रंग रेज़ है बाबू...घाट-घाट यहां घटता जादू...

Saturday, May 7, 2011

मां तुझे सलाम


थकन आए ना जिसे...
ना हो चेहरे पे शिक़न...


अपने बच्चों के लिए करती रही...
लाखों जतन...

कोई भूखा था...कोई नंगा तो कोई बे-घर...
मौत के बाद भी... मयस्सर था ना कफ़न...


बे-सहारों के लिए छोड़ दिया...जिसने अपना वतन...
भारत देश करता है...उस मां को नमन...

HAPPY MOTHERS DAY

Monday, May 2, 2011

आतंक का आक़ा ओसामा ढेर


पिछले 10 साल से दोहरी चाल चलने वाले पाकिस्तान का घिनौना चेहरा लादेन की मौत के बाद दुनिया के सामने आ गया...पाकिस्तान में लादेन का मारा जाना इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान की तरफ़ से अमेरिका को लगातार धोखा दिया जा रहा था...पाकिस्तानी हुक्मरान लादेन को छिपा भी रहे थे और सारी दुनिया के सामने आतंक के खिलाफ लड़ाई का झूठा ढ़ोंग भी रच रहे थे...लेकिन जब अमेरिका ने आतंक के आका को एबटाबाद की फौजी छावनी के पास मार गिराया तो पाकिस्तान की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई है… भारत कहता रहा कि आतंकियों का अड्डा पाकिस्तान है...लेकिन मुशर्रफ से लेकर ज़रदारी तक दुनिया को बरगलाते रहे...और लादेन जब मारा गया तो पाकिस्तान की सरपरस्ती में...पाकिस्तानी हुक्मरानों को उसकी खतरनाक खुफिया एजेंसी  ISI को अमेरिकी मंसूबे की कानो-कान खबर नहीं लगी...और अचानक से लादेन की मौत की सनसनीखेज खबर सुनकर पाकिस्तान के होश उड़ गए...पाकिस्तान सरकार और ISI लादेन को छिपाए बैठे था…आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लंबा खींचते रहे...अमेरिका से पैसे वसूलते रहे...लगातार झूठ बोलते रहे…और जब अमेरिका ने उसे एबटाबाद की फौजी छावनी के नजदीक मारा तो जाहिर हो गया कि लादेन को पाकिस्तानी फौज की पूरी निगरानी मिली हुई थी...पाकिस्तान के इन पैंतरों से अब अमेरिका भी नावाकिफ नहीं...अमेरिका अच्छी तरह समझ गया है कि अरबो डॉलर खाकर भी  पाकिस्तान उसकी पीठ में छूरा भोंक रहा है...अमेरिका से मिली खुफिया सूचनाओं का इस्तेमाल वो लादेन को मारने में नहीं उसे बचाने में कर रहा था...पाकिस्तान के दोहरे रवैये का अहसास होते ही अमेरिका ने अपनी रणनीति में बदलाव किया...अमेरिकी नेवी सील्स ने इसी रणनीति के तहत सीधी कार्रवाई की, इस ऑपरेशन की खबर पाकिस्तान तो क्या अमेरिका में भी चुने हुए लोगों को थी...और आतंक का आका ढेर हो गया...लेकिन मुंह में राम बग़ल में छुरी...वाली कहावत के नक्शे क़दम पर चलता पाकिस्तान गिरगिट की तरह रंग बदलने से बाज़ नहीं आ रहा है सारी दुनिया पाक के काले चेहरे से रू-ब-रू हो चुकी है लेकिन पाकिस्तान खिसयानी बिल्ली खंबा नोचे की कहावत की बिसात पर अपनी सफाई पे साफाई दिए जा रहा है...