ये है मौत की बस्ती...यहां मौत है सस्ती...ख़ौफ़...दहशत...बेबसी...और सिसकियां...ये ज़मी निगल चुकी है लाखों ज़िंदगियां...ये है मौत की मायानगरी
तीसरी बार आतंकियों का निशाना बने...महानगरी के झावेरी बज़ार में लगे...सीसीटीवी कैमरे ने...आतंक के सारे मंज़र को ख़ामोशी से कैद कर लिया...दादर में हुए धमाकों की तस्वीरे भी सीसीटीवी में कैद हो गई...फिलहाल सीसीटीवी में कैद संदिग्धों की जांच जारी है...जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों की मानें तो विस्फोट सेलफोन अलार्म से किया गया...धमाके के पीछे इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर का हाथ माना जा रहा है...एनआईए, एनएसजी और फॉरेंसिक टीमें जांच में जुटीं हुई हैं...मुंबई धमाकों में मारे गए लोगों में से एक की लाश पर इलेक्ट्रिक सर्किट पाया गया है...आशंका है कि इस इलेक्ट्रिक सर्किट का इस्तेमाल कल हुए धमाकों में से एक को अंजाम देने के लिए किया गया हो...
इन धमाको की ज़िम्मेदारी अब तक किसी संगठन ने नहीली है लेकिन शक की सूई इंडियन मुजाहीदीन पर जा कर अटक गई है....आतंकि हमले होते है...जांच होती है...उसपर बहस होती है...और फिर मामला ठंडे बस्ते में...सवाल ये है कि मुंबई को ख़ून के आंसू रूला रहे आंतिकयों को उनके किये की सज़ा कब मिलेगी...कौन है देश और मुंबई में कोहराम मचाने का ज़िम्मेदार...
बहरहाल इस बार भी गृहमंत्रालय बेबस नज़र आया...दर्द से कराह रही मुंबई के मुखिया ने हमेशा की तरह मुआवज़े का एलान तो कर दिया...लेकिन वो आज भी मुबईकरस् को सुरक्षा का भरोसा नहीं दिला सके....
@..लेकिन वो आज भी मुबईकरस् को सुरक्षा का भरोसा नहीं दिला सके....
ReplyDeleteसही है.