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Wednesday, April 7, 2010

ऑपरेशन ग्रीनहंट का मुंहतोड़ जवाब

नक्सलियों के ख़िलाफ़ सरकार की तरफ़ से चलाए जा रहे ग्रीन हंट ऑपरेशन से बौखलाए नक्सलवादिओं ने सीआरपीएफ कैंप पर हमला करते हुए 76 जवानों को मौत के घाट उतार दिया...और इस हमले को इतिहास का सबसे बड़े नक्सली हमले की कतार में लाकर खड़ा कर दिया...बताया जा रहा है की दंतेवाड़ा में हमले का मास्टरमाइंड आंध्रप्रदेश का नक्सल कमांडर कटकम सुदर्शन है...केंद्र सरकार को मिली प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक कटकम पिछले हफ्ते आंध्रप्रदेश की सीमा पार कर छत्तीसगढ़ के सुकमा और कोंटा इलाके में सक्रिय था... घटना स्थल से मिले कुछ फटे हुए कागजात से यह पता चलता है कि इस वारदात को सुदर्शन ने अंजाम दिया है...
ऐसा पहली बार नही हुआ है कि नकिसलियों ने इस तरह के हमलों को अंजाम दिया हो...लेकिन नक्सलियों की शांति हमारी सरकार को ग़फ़लत में डाल देती है और फ़िर जब ऐसा कोई हमला होता है तो निंद से जागी सरकार तीखें बयानों के साथ बदले की भवना दिल में लिए श्रद्धांजलि के मौक़े पर कुछ इस तरह की बयान बाज़ी करती हैं.... कि 2 से3 साल के अंदर नक्सलियों का सफाया कर दिया जाएगा...और नक्सली देश के दुश्मन है... ये कहना है हमारे गृहमंत्री का और उन्होंने दावा किया है कि आंध्र प्रदेश में नक्सलियों तकरीबन सफ़ाया हो चुका है... दूसरे राज्यों में भी ऐसा ही किया जाएगा...वहीं दूसरी तरफ राज्य के आला अफसरों का मानना है कि अगर सीआरपीएफ की टुकड़ी जरा भी सर्तक रहती और इलाके में अपना सूचना तंत्र खड़ा करती तो इस तरह की घटना नहीं होती... बस्तर के बाकी इलाको में पुलिस और एसपीओं साथ मिलकर काम करती है लेकिन सीआरपीएफ के जवान ऐसा नहीं करते हैं और उनकी रणनीति अलग होती है और इसी चूक का फायदा नक्सलियों ने उठाया है...गौरतलब है कि ऑपरेशन ग्रीन हंट की सफलता से नक्सलियों में बड़े पैमाने पर गुस्सा तो था... और वो सरकार के हर कदम का मुंहतोड़ जवाब देने की ताक में बैठे थे...और मौक़ा पाते ही ये हमला करके सरकार और ग्रीनहंट ऑपरेशन के जवाब में अपना गुस्सा उगल दिया...

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